क्यों हुई निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट ? जानें गिरावट के मुख्य कारणों को
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क्यों हुई निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट ? जानें गिरावट के मुख्य कारणों को

भारतीय शेयर बाजारों ने सप्ताह की शुरुआत दबाव में की।

 

Sensex: भारतीय शेयर बाजारों ने सप्ताह की शुरुआत दबाव में की। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी शुरूआती कारोबार में एक प्रतिशत से अधिक गिर गए लेकिन कुछ नुकसान की भरपाई नहीं हुई। यह गिरावट अमेरिका में उम्मीद से अधिक बेहतर रोजगार आंकड़ों के कारण हुई जिससे फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती के उम्मीदें कम हो गई साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में उछाल रुपए में कमजोरी और विदेशी निवेशकों के निरंतर निकासी हुई है। तो आइए जानते है गिरावट के पीछे की मुख्य कारणों को।

 

अमेरिकी आर्थिक डेटा

 

पिछले शुक्रवार को जारी किए गए उम्मीद से अधिक मजबूत अमेरिकी रोजगार डाटा ने वैश्विक बाजारों को डरा कर रख दिया है, जिसके कारण सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट देखने को मिली। दिसंबर में अमेरिकी बेरोजगारी दर गिरकर 4.1% हो गई थी, जबकि नौकरी की वृद्धि मजबूत रही श्रम बाजार में निकट भविष्य में मौद्रिक ढील की संभावना को कम कर दिया। वैश्विक तरलता की स्थिति को खड़ा कर दिया और भारत जैसे उभरते बाजारों पर दबाव को बढ़ा दिया है।

 

विदेशी निवेशकों का शेयर बेचना

 

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में तेजी से अपने शेयर्स को बेचना शुरू कर दिया है। अकेले जनवरी में एफबीआई ने 21350 करोड रुपए से अधिक मूल्य के शेर बेचें हैं, जबकि दिसंबर में 16982 करोड रुपए की बिक्री हुई थी। लगातार बिकवाली का दबाव बढ़े हुए मूल्यांकन निराशाजनक कॉरपोरेट आय और बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड को लेकर चिताओं के कारण है। जिसके कारण भारतीय बाजारों में गहरा प्रभाव देखने को मिल रहा है।

 

कच्चे तेल की कीमतों का बढ़ना

 

इसके साथ ही रूस पर नए अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण आपूर्ति श्रृंखलाओं के बाधित होने की आशंका के कारण वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में 15 सप्ताह से बढ़ोतरी देखने को मिली है। तेल का एक मुख्य घातक होने के नाते भारत विशेष रूप से कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के प्रति संवेदनशील है, जो राजकोषीय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और मुद्रास्फीति के दबाव को भी बढ़ता है। इसके साथ ही भारतीय रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.27 रुपए के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया।

 

एशियाई बाजारों में शेयर का बिकना

एशियाई बाजारों में अमेरिकी इक्विटी में कमजोरी देखी गई। क्षेत्रीय इक्विटी का एमएससीआई सूचकांक लगातार चौथे दिन गिरावट की ओर बढ़ता गया मजबूत अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व की नमी की उम्मीदों को भी कमजोर कर दिया है, जिससे वैश्विक इक्विटी में व्यापक बिक्री हुई है। कमजोर होते रुपए और लगातार विदेशी निकासी सहित घरेलू दबावों के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और सख्त तरलता की स्थिति जैसे वैश्विक बढ़ाओ ने भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए चुनौती पूर्ण माहौल तैयार कर दिया है।